गांव शहर म नेता मन के
गोठ देवत हे सुनई,
बने असन नेता चुनव
आगे फेर चुनई,
मतदाता भाई बहिनी मोर
आगे फेर चुनई।।
अपन आप ल जनहितैषी बताथें,
कर्मठ अऊ मिलनसार,
आजकल के नेता मन ल
जानत हे संसार,
चुनइ के बेरा म नेता मन
किंजरथें गांव गांव,
दाई ददा अऊ दीदी भइया
कहिके परथें पांव।
नेता अइसन झन चुनव
जे जनता के करे धुनई।।
पढ़े लिखे नेता चुनव
संविधान के जानकार,
देवा सके जीत के जेहर
तुंहर हक अधिकार ,
शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार के
जेहर करही ध्यान,
अन्याय अत्याचार मिटावय
तइसन बनाव सियान।
तुंहर हक के खातिर जेहर
सरकार ले करे लड़ई।
जल जंगल जमीन बेंचागें
लबरा मन के राज में,
बुनियादी सुविधा तको नइ मिलय
ठीकाना नइहे कामकाज में।
राजनीति के बाजार सजे हे
नेता खड़े हे कतार म ,
सोच बिचार मतदान करव
बनव थोरिक हुसियार न।
मीठ मीठ गोंठ म ऊंकर
झन होहूस फॅ़ंसई।
बने असन नेता चुनव
आगे फेर चुनई,
मतदाता भाई बहिनी मोर
आगे फेर चुनई,
जागरूक संगवारी मोर
आगे फेर चुनई।।