नानकुन प्रयास...
घुमे आबे ओ गोरी नरहरपुर बाजार,
हाट भराथे मनखे जुरियाथे दिन मंगलवार ।
चुरी ले देहूं हाथे बर तोरे,
माथे बर लेहुं टीकली।
पांव बर लेहूं सांटी बिछीया
ढेंठु बर सुतिया पुतरी।
कनिहा म तोर करधन सजाहूं
ले देहूं नवलखिया हार।।
लुगरा पोलखा तोर बर बिसाहूं
सुआ पाखी रंग।
मया पिरीत के गोठ गोठीयावत,
किंजरबो संगे संग।
चना मुर्रा अऊ पेड़ा बर्फी
चुहक लेबो पंडरी खुसियार।
सामान बेंचे बिसाये बर आथें
मनखे कतको दुरिहा।
दगा नइ देवंव कभू ओ रानी
खावत हंव मैं किरिया।
आबे जरुर दगा झन देबे
करत रहिहंव इंतजार।।
✍️नयताम हिरेश्वर
नरहरपुर उत्तर बस्तर कांकेर
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