शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

कोयतुर गांव

जिम्मिदारीन याया ओ......
डिही देवारी म बइठे कोयतुर गांव के

तइहा जुग के बात ओ दाई
सियान मन हे बतायें
दियाबान जंगल रहाय
कटाकट रुखवा राये
जगा बनातेंव मन म बिचारे
एक कोयतुर हर आथे
डारा ल खोंच माटी मेर
अर्जी वोहा लगाथे
सुमिरन करथे धरती माटी अऊ
अपन पुरखा नांव के

माटी के जब आदेश पागे
फेर वोही जंगल म आथे
पुरखा ल संग म धरके
रतिहा ऊंहा पहाथे
जगा हा फलही की नाही
मन म हावय बिचारे
सपना सुरूज म सबो हाल
पुरखा हा वोकर बताये
बने बने जब जगा जनाथे 
तब रचथे डिही वोहर सिवार बांध के

जंगल चतार खचका डिपरा पाटे
फेर गांव वोहर  बसाये
गांव के मालिक गांव बसइया
बुमियार वोहा कहाये
संग म बुटा खुटा चतरइया
दाई बुमियारिन जागा रानी कहाथे
दसो दिशा म दस राव  अऊ
पानी म सात कईना के वास बताथे
दाई जिम्मिदारिन बइठे सुघ्घर
खाल्हे म नीम महुआ छांव के

जड़ी बुटी के ज्ञानी खेरो दाई
गांव गांव म जाके रोग राई मिटाये
तोर सम्मान म माता गुड़ी बनाके
गांव  के माई तोला बनाये
रोग राई कहीं बिपदा परे ले
गांव हर तोला गोहराथे
दरशबीती, मावली, ठाकुरदाई
भीमा कंडरेंगाल गांव म मान पाथे 
बीच खार म भैंसासुर बइठे
खेती पानी ल देखत हे गांव के

12 बानी बिरादरी ल जगा देके बुमियार
सुघ्घर सहकारिता के गांव बसाये
पेन सेवा म सबो के बुता काम अऊ
गांव के रीति नीति पेन पुरखा बताये
बुमियार के पिलउर माटी सेवा करके
गांयता मांझी के पद ल पाथे
गांव म कांही विपदा अनहोनी होगे त
गांव बुमकाल सकलाथे
तोर ऊर्जा समाय हे दाई
डोली छत्तर लाट संखरी  पालो म डांग के

मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

हमन माटी के सेवा करथन,  
धरती दाई के गुन ल गाथन
माटी म गड़े सोना चांदी
कोदो कुटकी धान उपजाथन

ये माटी हावय जीवन आधारे
माटी म बसे जीव जगत संसारे
माटी म जन्मेन माटी म बाढ़ेन
माटी म खेल माटी कमायेन
हमन खेती किसानी कमाथन
लद्दी चिकला म सनाथन
धरती दाई के गुन ल गाथन ।।

माटी के  घर माटी ठीकाना
माटी के काया माटी मिल जाना
माटी ओढ़बो माटी जठाबो
जीयत भर धरती के सेवा बजाबो
माटी खाके माटी उपजाथन
माटी म मिल माटी हो जाथन
धरती दाई के गुन ल गाथन ।।

✍️नयताम हिरेश्वर
 

सोमवार, 21 दिसंबर 2020

मोही डारे

छुनुर छुनुर तोर पांव के पइरी बाजे
मन ल ओ रानी मोर मोही डारे

कंचन काया तोर भारी दमकत हे
खोपा म गजरा चंदैनी चमकत हें
बोली तोर सुघ्घर चिरई चहकत हे
मया हा मोर गोरी दिनों-दिन बढ़त हे
होगे हंव बइहा गोरी अब
तोर मया हा उबारे

मिरगीन कस चाल तोर चटक मटक रेंगना
 खनके तोर हाथ के पहिरे चुरी कंगना
जीव ले डारे गोरी , तोर सजना संवरना
बनके दुल्हीन आजा गोरी मोर अंगना
तोर मया के बगिया गोरी 
मन ल रिझा डारे

✍️नयताम हिरेश्वर

रविवार, 20 दिसंबर 2020

माटी सेवादार

 हम तो‌ सेवा करइया धरती माटी के
 नइ जानन परपंच ल धरम जाती के

धरती के पहिली मानव हमन आदिवासी कहाथन
माटी म जनम धरेन  महतारी के गुन गाथन
सेवा करथन जंगल झाड़ी, डोंगरी पहाड़ी के
हम तो सेवा करइया धरती माटी के

जंगल चतारे पुरखा हमर गांव ल बसाये
धरती के सेवा सार हे हमला ग चेताये
 नइ देन बेंचावन, हाथ म उद्योगपति के
हम तो सेवा करइया धरती माटी के

खेती कमाथन कोदो कुटकी उपजाथन
जीये बर जरुरी हावय ओतके प्रकृति ले लेथन
जिनगी पहाथन सुघ्घर ,करमा रेला गाइ के
हम तो सेवा करइया धरती माटी के

जय सेवा जोहार मुलवंश

✍️नयताम हिरेश्वर


शनिवार, 19 दिसंबर 2020

कांकेर आंदोलन १६/१२/२०२०

मुड़ के पागा कस माटी हमर आन हे
बस्तर माटी मनुवादी नइ होइस...
ये बात के गुमान हे..

 माटी चोरहा मन आए रिहीन चोराय बर
डिही डोंगर ल हमर हथियाय बर
राम नाम के माला जपके
राम ल गांव म हमर निंगाय बर
पुरखौती के हमन प्रकृति पुजारी
हमर पुरखा संस्कृति ल मेटाय बर
माटी खेलइया माटी म बाढ़ेंन
अऊ माटी बर सौंपे प्रान हे 
बस्तर माटी मनुवादी नइ होइस
ये बात के गुमान हे.......।।

रेला पाटा के गवइया हमन
रामायण ले नइहे कोन्हो नाता
जेला जानथन तिही ल मानथन
पुरखा हमर बुढ़ा बुढ़ी माता
धरती माटी के सेवा करथन
प्रकृति ले हमर गहरा हे नाता
रूखवा राई डोंगरी पहाड़ी भारी
लोहा सोना बाक्साइट के खदान हे
बस्तर माटी मनुवादी नइ होइस
ये बात के गुमान हे....।।

चेत जाव रे चोरहा हो
अब जागे इंहा लइका सियान हे
अढ़हा नइहे इंहा कोन्हो
पढ़े लिखे सबो सुजान हे
प्रकृति के स्कुल के अनपढ़ हव तुम
माटी के थोरको तुमला नहीं ज्ञान हे
धर्म निरपेक्ष देश म धर्म प्रचार करत हस
प्रस्तावना ल पढ़व संविधान के
अऊ बस्तर माटी मनुवादी नइ होइस
ये बात के गुमान हे...........।‌।
✍️✍️नयताम हिरेश्वर