जंगल....
जंगल हमारे लिए महज जंगल नहीं
हमारी धरोहर है विरासत है
पेड़ पौधों से हम प्रेम करते
जंगलों पर हक जताते हैं
उजड़ न जाये कहीं ये जंगल
संरक्षण सुरक्षा करते जाते हैं
आग लगने से बचाते
समूल नष्ट के खिलाफ हो जाते हैं
लोग कहते हैं ये तो जंगल है
और हम हमारी संपत्ति बताते हैं।।
पक्षियों संग बोलना,
पशुओं संग चलना सीख पाये हैं
नदियों संग बहना और गाना,
जंगलों संग खेले खाए हैं
फिर बंदुकधारी वनरक्षक आये
कहते हैं वन हमने ऊगाये हैं
हमने तो पहले कभी नहीं देखा इन्हें
गांव हमारे पुरखों ने ही बसाये हैं।।
जंगलों संग हमारा गहरा नाता है
छांव इनके जैसे मां का आंचल है
हर पेड़ वनस्पति, फलों को पहचानते
वे भी हमें पहचान, बेटे सा रखते ख्याल हैं
जब कोई कानून नहीं था तब खुब जंगल थे
कानून बना कटे महुआ तेंदू और साल हैं
पशु पक्षियों का उजड़ा आसियाना
कृत्रिमता जैव विविधता के काल हैं।।
# Save Nature#save Indigenous#
नयताम हिरेश्वर
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