गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

चल गांव डाहर लहुट जा...

छोड़ के गांव गंवई
शहर कोती तैं जाये
जे पइसा के खातिर दउंड़े
आज वहु काम नई आये
छोड़ दे अब शहर के रस्दा
चल गांव डाहर लहुट जा....

गांव म कर तैं खेती किसानी
रुख राई संग बद मितानी
जंगल म वनोपज आनी बानी
फर फुल सकल ले बीजा
चल गांव डाहर लहुट जा.....

शहर म धुर्रा धुड़का भारी
जांगर टोर कमाबे तभो खाबे गारी
शहर के महंगाई म कइसे पुंजी बचाबे
लेवई खवई म सिरागे का धरके घर जाबे
छोड़ शहर अब गांव म सुख संसार बसा
चल गांव डाहर लहुट जा......

✍️नयताम हिरेश्वर

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